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लेखनी कहानी -11-Dec-2022 असफलता

असफलता के गर्भ में छुपे होते हैं सफलता के राज 
कल असफल थे तो क्या हुआ सफल भी होंगे आज 

मेहनत अवश्य रंग लाती है तू इस पर विश्वास कर 
उठ, हिम्मत न हार, हौंसला रख, कल की आस कर 

जिसने हार ना चखी, वो जीत का स्वाद क्या जाने 
जिसके मन में आस्था नहीं , वह प्रसाद क्या जाने 

जिसने भी संघर्ष किया सफल अवश्य वह होता है 
थक हार बैठने वाला असफलता के गर्त में खोता है 

वक्त का कुछ पता नहीं पल में फिजां बदल जाती है 
जो हारी हुई सी थी वह बाजी जीत में बदल जाती है 

श्री हरि 
11.12.22 


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3 Comments

Varsha_Upadhyay

18-Dec-2022 01:56 PM

बहुत सुंदर

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Rajeev kumar jha

11-Dec-2022 12:04 PM

बहुत सुंदर

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Sachin dev

11-Dec-2022 12:04 PM

Nice 👌

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